बस्तर ज़िला, छत्तीसगढ़ राज्य,भारत में स्थित एक नगर

जगदलपुर भारत के छत्तीसगढ़ राज्य में बस्तर ज़िले का एक शहर है। यहाँ मुख्य रूप से हिन्दी भाषा बोली जाती है और कुछ लोग यहाँ हल्बी, भत्रि, आदि बोलियों में भी एक दूसरे से वार्ता करते रहते हैं। यहाँ कई उच्च गुणवत्ता के हिन्दी विद्यालय, विश्वविद्यालय मौजूद है। यहाँ मुख्य रूप से बस्तर विश्वविद्यालय सबसे अधिक प्रचलित है।

इतिहास

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बस्तर ने कुछ साम्राज्यों के शासन को देखा है, जैसे नल, चालुक्य और काकतीय आदि। लगभग 1424 ई॰ पू॰ काकतीय राजा प्रताप रुद्र के भाई अन्नमा देव ने वारंगल, तेलंगाना से निकल कर अपना साम्राज्य बस्तर में स्थापित किया। अन्नम देव के बाद इस पर हमीर देव, प्रताप राज देव, राजपाल देव, दलपत देव और अन्य राजाओं का शासन चला। दलपत देव के समय जगदलपुर को राजधानी बनाया गया।

यहाँ बस्तर के घने जंगल होने के कारण मौसम काफी अच्छा रहता है। यहाँ 15 जून से 15 सितम्बर तक मानसून के कारण बारिश होती है। यहाँ फरवरी-मार्च और सितम्बर-अक्टूबर के माह के मध्य चक्रवात का आना एक आम बात है। यहाँ फरवरी और मार्च के मौसम में गर्मी रहती है लेकिन कई बार तूफान के साथ साथ वर्षा भी होती है और साथ में कभी कभी ओले भी गिरते रहते हैं।

यहाँ गर्मी का मौसम लगभग फरवरी से ही शुरू हो जाता है। इस बीच धीरे धीरे गर्मी बढ़ने लगती है। यह लगभग अप्रैल से लेकर 15 जून तक काफी अधिक होती है। इस समय मई और जून में सभी विद्यालयों में गर्मी की छुट्टी दी जाती है। जिससे बच्चे गर्मी से बच सकें।

15 जून से 1 जुलाई के मध्य ही मानसून आ जाता है। यहाँ लगभग 15 जुलाई को मानसून पूरी तरह से आ जाता है। जबकि बारिश होना 15 जून से ही शुरू हो जाती है। वर्षा ऋतु लगभग 15 सितम्बर तक रहता है और इसके बाद मानसून लौटने लगता है। इसके लौटते साथ ही ठंड की शुरुआत होने लगती है। इसके बाद का मौसम काफी अच्छा रहता है। क्योंकि यहाँ अधिक ठंड नहीं पड़ती है और जब पड़ती भी है तो केवल कुछ ही दिनों के लिए ही। इसके अलावा 15 सितम्बर से लेकर 15 जनवरी तक का मौसम यहाँ बहुत अच्छा होता है। इस बीच पुरे आसमान से बादल गायब हो जाते हैं और सूरज की किरणें बहुत ठंडक देती हैं। क्योंकि इस समय सूरज की किरणें काफी दूर से आने के कारण गर्म नहीं होती हैं।

लेकिन कई बार अक्टूबर के आसपास यहाँ बंगाल की खड़ी में बनने वाले चक्रवात के कारण यहाँ अब तक कई बार चक्रवात आ चूकें हैं। लेकिन यह हर वर्ष नहीं होते हैं और लगभग वर्ष में एक ही चक्रवात आते हैं।

पधारिए

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रेल द्वारा

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विशाखापत्तनम से जगदलपुर के लिए १ विशाखापत्तनम-किरंदुल पैसेंजर (१वीके) लीजिए, जिसमें आरक्षित प्रथम श्रेणी और स्लीपर क्लास दोनों होते हैं।

यहाँ घूमने के लिए काफी स्थान है। यह पहले जंगल से घिरा हुआ था। लेकिन जैसे जैसे इसका विकास हुआ, वैसे वैसे यहाँ लोग आते गए और पेड़ पौधों को काट काट कर अपना घर आदि बनाने लगे।

खरीदें

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यहाँ पर बीएसएनएल, एयरटेल, डोकोमो, आइडिया, और रिलायंस के मोबाइल टावर उपलब्ध रहते हैं।

साँचा:काभागहै