निगेर सेहर का एक स्थान है जो पूरी तरह से स्थल से घिरा हुआ है। इसकी जनसंख्या एक करोड़ बीस लाख है। पहले यह फ्रांसीसियों का उपनिवेश था जिसे वर्ष 1960 में आजादी मिली। यहाँ ज्यादातर पहाड़ी मैदान हैं, इसके अलावा यहाँ देखने के लिए कुछ भी नहीं है।
अन्य जानकारी
सम्पादनइतिहास
सम्पादनफ्रांस से आजादी मिले 35 वर्ष बाद भी 1993 तक यहाँ किसी भी प्रकार का चुनाव नहीं हुआ था। वर्ष 1995 में उत्तर में चले आ रहे तुयरेग विद्रोह पाँच वर्षों के बाद समाप्त हो गया। 1996 से 1999 में राष्ट्रीय पुनर्निर्माण परिषद की स्थापना हुई और उसने नागरिकों के नियमों का निर्माण किया, जो दिसम्बर 1999 से प्रभावी हुआ। 2009 में तख्तापलट के बाद निगेर फिर से लोकतन्त्र वाला देश बन गया।
भाषा
सम्पादननिगेर की आधिकारिक भाषा फ्रांसीसी है, लेकिन नियामे के बाहर सिर्फ कुछ ही लोग इसे बोल पाते हैं और बाजारों में भी कोई अच्छी तरह इस भाषा में बात नहीं कर सकता है। स्थानीय भाषाओं में द्जेरमा, हौसा, फुल्फ़ुल्दे, तमाशेक और कानुरी है। अंग्रेजी का उपयोग भी केवल नियामे के कुछ बड़े होटलों में ही किया जाता है।
यात्रा
सम्पादनक्या कर सकते हैं
सम्पादनखाना
सम्पादनपीना
सम्पादनसोना
सम्पादनसुरक्षित रहें
सम्पादनदेर रात निजी गाड़ियों से यात्रा करने से बचें, क्योंकि यहाँ बीच बीच में हथियारों के साथ आकर लुटपाट मचाते हैं। यह आम तौर पर शहर में लूट करते हैं, लेकिन इसी के साथ साथ यह सड़कों में भी लूटपाट मचाते हैं। सामान्यतः दिन में मुख्य राजमार्ग में पुलिस चौकी होती है, जिससे इस तरह की गतिविधि दिन में कम होती है।
नियामे में सुरक्षा थोड़ी अच्छी है। यदि आप बाजार से दूर हैं तो आप टैक्सी ले सकते हैं, और आपको गलियों के गुजरने के दौरान अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है, जिससे आप किसी परेशानी में न पड़ सकें। यहाँ बाजारों में जेबकतरों और बैग चुरा कर भागने वालों से ख़तरा रहता है।
सम्मान
सम्पादननिगेर में अतिथियों का राजाओं जैसा स्वागत किया जाता है। हमेशा प्रयास करें कि उनके द्वारा दिया हर उपहार स्वीकार कर लें, जैसे चाय से लेकर कोई छोटा सा उपहार आदि, जो आपको निगेर में समय बिताते समय वे लोग देंगे। यह अच्छा नहीं होगा कि आप उनके दिये हर उपहार को अस्वीकार करते जायें।
कई निगेर वासियों को आपके द्वारा उनकी तस्वीरें लेना ठीक नहीं लगेगा, अतः ऊँट की सवारी करवाने वाले, दुकानदार या किसी बड़े की तस्वीरें लेने से पूर्व उससे मर्जी जान लेना चाहिए।