भोपाल, भारतीय राज्य मध्य प्रदेश की राजधानी है। इसका नाम राजा भोज के नाम से भोपाल पड़ा था। इसे भोज और पाल से मिला कर बनाया गया है। राजा भोज ने इसे एक शहर के रूप में बनाया था, जिसके कारण उनका नाम इस शहर को दिया गया है। यह उज्जैन (प्राचीन उज्जयिनी) के साथ ही राजा भोज के साम्राज्य का एक प्रमुख हिस्सा था। इस शहर पर पूरे विश्व का पहली बार ध्यान वर्ष 1984 में गया था, जब इस शहर में एक विषैली गैस फैल गई थी।
अन्य जानकारी
सम्पादनमौसम
सम्पादनयहाँ अप्रैल से जून के आस पास गर्मी का मौसम रहता है। मई और जून में कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण यहाँ शाम होते होते कई बार बादल भी आ जाते हैं, जिसके कारण कुछ घंटे तेज हवा के साथ वर्षा भी होती है। इसमें कई बार ओले भी गिरते हैं। जुलाई में मुख्यतः मानसून आ जाता है और बारिश का मौसम शुरू हो जाता है। सितम्बर और अक्टूबर के आते आते मानसून चले जाता है और ठंड का मौसम आ जाता है। इस मौसम में आसमान साफ हो जाता है और नीला आसमान दिखाई देने लगता है। इस बीच कोई बादल भी नहीं दिखता है। इससे जनवरी के आसपास तक मौसम इसी तरह सुहाना रहता है।
दर्शनीय स्थल
सम्पादनभोपाल शहर के अंदर कई दर्शनीय स्थल है जैसे लक्ष्मीनारायण मंदिर, भारत भवन,राज्य संग्रहालय, ट्राईबल म्यूजियम, क्षेत्रीय प्राकृतिक संग्रहालय, ताज-उल मस्जिद, जामा मस्जिद, मोती मस्जिद, शौकत महल, सदर मंजिल, गौहर महल, स्टेट म्यूजियम, गाँधी भवन, वन विहार और लक्ष्मी नारायण मन्दिर।बड़ा तालाब एवं छोटा तालाब दर्शनीय हैं।
भोपाल के पास स्थित भीम बैठका, साँची का स्तूप भी पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र है। भोपाल से लगभग २८ किलोमीटर दूर स्थित भोजपुर स्थित भोजेश्वर मंदिर एक एतिहासिक दर्शनिय स्थल है।
यात्रा
सम्पादनविमान द्वारा
सम्पादनभोपाल में स्थित हवाई अड्डे का नाम राजा भोज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है। यह दो अलग अलग भागों में बंटा हुआ है। एक घरेलू और दूसरा अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए है। इसमें सभी नई तकनीकों का उपयोग किया गया है। इसमें 750 यात्री आराम से बैठ सकते हैं। इसमें कार रखने के लिए भी जगह है। यहाँ हवाई अड्डे के बाहर 1500 कारों को रखा जा सकता है। एयर इंडिया और जेट एयरवेज यहाँ से लगातार नई दिल्ली, अहमदाबाद, हैदराबाद, इंदौर, चेन्नई, और मुंबई से भोपाल आना जाना करते रहते हैं।
रेल द्वारा
सम्पादनभोपाल अच्छी तरह से रेल से जुड़ा हुआ है। यहाँ इसका बहुत बड़ा केन्द्र भी है, जिसमें मध्य और पश्चिमी रेलमार्ग एक दूसरे से जुड़ते हैं। भोपाल में मुख्य दो रेल स्टेशन है। पहला भोपाल रेल स्टेशन जो पुराना भोपाल में और दूसरा रानी कमलापति रेलवे स्टेशन (पूर्व नाम - हबीबगंज ) जो नया भोपाल में है। शताब्दी एक्सप्रेस दिल्ली से भोपाल तक आना जाना करता रहता है। इसमें बहुत अच्छी सुविधा युक्त सफर करने होता है। इसके अलावा भी कई सारे रेल भोपाल से जुड़े हुए हैं और भारत के प्रमुख जगहों से भी जुड़े हैं।
सड़क मार्ग द्वारा
सम्पादनभोपाल अच्छी तरह से भारत के कई राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ा हुआ है। यहाँ पर कार या बस के द्वारा आसानी से सफर किया जा सकता है। इससे अन्य प्रमुख जगहों पर भी आसानी से जाया जा सकता है। इसके अलावा सड़क लगभग सभी रेल और हवाई अड्डों से भी जुड़े हुए हैं। जिससे इनमें से किसी भी जगह आप कार से आसानी से जा सकते हैं।
ट्रैवल एजेंसी/टूर ऑपरेटर
सम्पादनएक अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल होने के कारण यहाँ पर बहुत सारे मान्यता प्राप्त अधिकृत ट्रैवल एजेंसी तथा टूर ऑपरेटर हैं जिन की सूची निम्न है: