हिन्द महासागर विश्व के पांच महासागरों में से एक है। यह भारत, श्रीलंका, पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि से जुड़ा हुआ है। इसका नाम भारत देश के नाम से पड़ा है। भारत को हिन्दुस्तान भी कहा जाता है और उसके शब्द हिन्द से इसका नाम हिन्द महासागर रखा गया। इसमें अनेक द्वीप हैं जो अपनी सुन्दरता के कारण पर्यटन आकर्षण हैं, साथ ही कई समुद्र तट (बीच) भी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
- हिंद महासागर प्रशांत और अंध महासागर से से जुड़ा हुआ है।
- हिंद महासागर की ओसत गहराई 4 कि.मी. है।
- हिंद महासागर युवा महासागर है, उसने केवल 3.6 करोड़ वर्ष पहले अपना वर्तमान रूप ग्रहण किया।
हिंद महासागर के पानी का बहाव दो बार बदलता है। 1. गर्मियों में मानसूनी हवाओं के कारण भारत कि ओर बहता है। 2.सर्दियों में पानी अफ्रीका की ओर बहता है। विश्व की दो बड़ी नदी ब्रह्मपुत्र और गंगा हिंद महासागर में मिलती है। ये दोनों नदिया 2000 किमी हिमालय पर्वतमाला से रेत व मिट्टी ला कर समुद्र में डालती है। जिनसे नदियों के मुहानों के आगे महासागर में अनेक टापू बन हैं।
यात्रा
सम्पादनयह पूरा महासागर ही है, लेकिन यहाँ कई द्वीप उपस्थित हैं, जिसमें आप जा सकते हैं। यह सभी द्वीप अलग अलग देश हैं और आपको उन देशों में जाने के लिए अलग अलग नियमों का पालन करना होगा। इसमें वीजा से जुड़े और अन्य कई तरह के नियम शामिल हैं। महासागर पार करके किसी देश में जाने के लिए आपके पास दो ही उपाय है तो विमान से जाना और दूसरा पानी के जहाज द्वारा यात्रा पूरी करना।
यदि आप विमान से किसी द्वीप में जाना चाहते हैं तो आपको पहले उस द्वीप के बारे में जानना होगा कि वहाँ हवाई अड्डा उपलब्ध है या नहीं और किस तरह की सुविधा है। इसके अलावा यदि आप पानी जहाज द्वारा जाना चाहते हैं तो आपको पहले ही यह जान लेना चाहिए कि वहाँ से आप वापस कब पानी जहाज द्वारा आ सकते हैं। यदि आप भारत से हैं तो आप आराम से अंडमान निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप में जा सकते हैं। अन्य देशों के लिए उन देशों का लेख देखें। हिंद महासागर का अधिकांश हिस्सा दक्षिणी गोलार्ध में हैं।