एशिया में स्थित एक देश
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उत्तर कोरिया एशिया महाद्वीप के पूर्वी हिस्से में स्थित एक देश है। यह दक्षिण कोरिया से जुड़ा हुआ है। इसके एक ओर चीन है और दूसरे ओर जापान है। पर्यटकों को यात्रा केवल तभी करने को मिलती है जब वे किसी संचालित दौरे का हिस्सा हों। किसी पर्यटक को यहाँ अकेले यात्रा करने की अनुमति नहीं है। सभी आने वालों पर कड़ी नजर रखी जाती है, जिससे कोई भी उत्तर कोरिया की प्रणाली में हस्तक्षेप न कर सके। अवांछनीय व्यवहारों में तस्वीरें लेना, उत्तर कोरिया की आलोचना करना और यहाँ के महान नेताओं का अपमान करना शामिल है। इसके अलावा, बिना अनुमति के किसी स्थानीय व्यक्ति से बात भी नहीं कर सकते हैं। इस तरह के कार्य आपको काफी बड़ी मुसीबत में डाल सकते हैं।

लगभग एक हजार पाँच सौ पर्यटक हर साल यहाँ आते हैं। उनमें से बहुत से लोग बिना किसी हादसे के अपनी यात्रा पूरी कर लेते हैं। इस तरह की घटना होती है और जब होती है तो प्रक्रिया बहुत कठिन होती है। यदि अधिकारियों के साथ किसी भी तरह की कोई परेशानी होती है तो आपको बाहर भेजने से पहले वहाँ कारावास में रहना पड़ेगा। आपको उत्तर कोरिया में यात्रा नहीं करना चाहिए, जब तक आप उन बहुत कठिन सीमाओं हेतु तैयार नहीं रहते हैं।

क्षेत्र

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उत्तर कोरिया के क्षेत्र का रंगीन नक्शा
डोंघाए तट (उत्तर हंगयोंग, दक्षिण हंगयोंग, कंगवोन, कुंगांगसन)
डोंघाए एक कोरियाई नाम है, जिसका अर्थ "पूर्व नदी" से है। ये नदी दुनिया भर में आमतौर से "जापान की नदी" के नाम से जाना जाता है। इसके तट का विस्तार 800 किलोमीटर तक हुआ है। ये विस्तार उत्तर-पश्चिम दिशा में दक्षिण कोरिया के सीमा से लेकर रूस की सीमा तक जाता है। इसके उत्तरी इलाकों के कई क्षेत्र उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण के काम आते हैं। इस कारण इस ओर यात्रा करना आसान नहीं है।
बैकडु पर्वत (रियांगगेंग, चेगेंग)
इस जगह को बैकडु पर्वत शृंखलाओं के कारण बैकडु पर्वत कहा जाने लगा, इसे चांगबाई पर्वत के नाम से भी जाना जाता है।
प्योंगन (उत्तर प्योंगन, दक्षिण प्योंगन, प्योंगयांग, शिनुइजू)
प्योंगन का क्षेत्र कोरिया के आठ पुराने प्रान्तों में से एक है, जोसेओन वंश के समय 15वीं सदी में बना था। अब ये जगह दक्षिण प्योंगन और उत्तर प्योंगन नाम से दो अलग अलग जगहों में बंट गया है। इसका नाम इस क्षेत्र के दो आदर्श नगरों से लिया गया है। प्योंगयांग से "प्योंग" और अंजु से "न" लिया गया है। ये पीले सागर में कोरिया की खाड़ी के साथ दक्षिण में उत्तर कोरिया की राजधानी से उत्तर में चीनी सीमा तक जाती है। पूर्वी सीमा का सबसे बड़ा हिस्सा रंगरिम पहाड़ों के साथ चलता है।
हवंघाए (उत्तर हवंघाए, दक्षिण हवंघाए, केसोंग)
ये भी कोरिया के आठ प्रान्तों में से एक था। ये कोरिया के उत्तर-पश्चिम इलाके में स्थित था। इस प्रांत की राजधानी हेजू थी। इस प्रांत का क्षेत्रीय नाम हाएसेओ था।

इतिहास

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कोरिया में हथियार और उपकरण बनाना लगभग सत्तर हजार वर्ष पूर्व शुरू हुआ था। पुरातात्विक खोज से इसका पता चला। साथ ही इस बात का भी पता चला कि यहाँ लगभग आठ हजार वर्ष पूर्व लोगों को बर्तन बनाना आता था। तीन से दो हजार वर्ष पूर्व तक यह बहुत तेजी से फैलने लगा था।

प्योंगयांग में सुबह का दृश्य

आमतौर पर बीच बीच में गर्मियों में वर्षा होती रहती है। गर्मी का मौसम बहुत गर्म होता है और वहीं शरद ऋतु में तापमान -30 डिग्री के भी नीचे चले जाता है। बसंत के सूखे के जाने के साथ साथ बाढ़ भी आता है। यहाँ शरद ऋतु में चक्रवात भी आते हैं।

यहाँ की आधिकारिक भाषा कोरियाई है। आपका मार्गदर्शक आपसे मंडरिन, जर्मन, रूसी, अंग्रेज़ी, जापानी और स्पेनी भाषा में बात कर सकता है, और हो सकता है कि वो आपके कहने पर कुछ अंश अनुवाद भी कर दे। लेकिन यहाँ स्थानीय लोग विदेशियों से बात करना पसंद नहीं करते हैं। क्योंकि यहाँ का कानून बहुत कड़क है और सरकार यहाँ ऐसा प्रचार करती है कि विदेशी लोग उनका कभी कोई अच्छा नहीं कर सकते हैं।

यातायात

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यहाँ सभी आने जाने का कार्य और देख रेख आपको यात्रा करवाने वाली कंपनी करती है। यहाँ सबसे अधिक यात्रा केवल बस के द्वारा होता है। यहाँ कुछ स्थानों जैसे पहाड़ वाले जगहों के लिए एयर कोरयो नामक विमान का उपयोग किया जाता है। आप यहाँ अकेले नहीं घूम सकते हैं। आपको अपने मार्गदर्शक को भी अपने साथ रखना ही पड़ेगा।

प्योंगयांग मेट्रो से होते हुए कई सारे यात्रा होते हैं। लेकिन यहाँ स्थानीय यातायात साधनों का उपयोग सामान्यतः नामुमकिन है। कुछ यात्रा में तेल का भी उपयोग होता है। यह लगभग एक दिन का यात्रा होता है। यह विकल्प केवल अमेरिकी नागरिकों को नहीं दिया जाता है। बाकी सभी के लिए यह विकल्प उपलब्ध है।

विमान द्वारा

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अगस्त 2013 में प्योंगयांग के सुनान हवाई अड्डे में एक एयर कोरयो का विमान

सभी अंतरराष्ट्रीय विमान केवल प्योंगयांग के सुनान अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में ही आते हैं। उत्तर कोरिया में कोई और हवाई अड्डा नहीं है जो अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए बना हो। यहाँ केवल दो ही ऐसे विमान है जो आपको कहीं छोड़ सकते हैं। इसमें एयर कोरयो, जो उत्तर कोरिया का विमान है और एयर चीन है।

उत्तर कोरिया का एक मात्र एयरलाइन बीजिंग से बुधवार और शनिवार को 11;30 बजे निकलता है और 9 बजे उसी दिन प्योंगयांग में आ जाता है। एयर कोरयो शेन्यंग से भी उड़ान भरता है। यहाँ से यह गुरुवार और शनिवार को उड़ता है। यह व्लादिवोस्टोक से बुधवार को सुबह उड़ता है। यह कुआला लम्पूर और कुवैत के लिए भी इस तरह की सेवा देता है।

स्काईट्राक्स की सूची में केवल एक सितारा मिलने वाला यह दुनिया का एक मात्र विमान है। यह इसे चार वर्षों से मिल रहा है। इसे ईयू ने सुरक्षा के लिए प्रतिबंधित भी कर दिया था। 1983 में इस विमान के साथ बहुत खतरनाक हादसा भी हो चुका है। एयर कोरयो में उड़ान भरने का एक ही कारण हो सकता है कि आप उसमें बैठ कर उसे महसूस करना चाहते हैं। इसके अलावा एयर चीन उड़ान भरने के लिए सबसे अच्छा विकल्प है।

आप उत्तर कोरिया में अपने मर्जी से कहीं नहीं घूम सकते हैं। आपको इस तरह की कोई भी आजादी नहीं है। आपको अपने साथ कम से कम एक मार्गदर्शक लेना होता है जो आपको हर तरह की जानकारी देता है। जिसमें कानून के बारे में वो आपको बताएगा। यहाँ आने जाने की शर्ते कभी भी लगभग कुछ कुछ समय में बदलते रहते हैं। यह राजनीतिक उतार चढ़ाव के कारण होता रहता है। उत्तर कोरिया को अक्टूबर 2014 से मार्च 2015 तक पर्यटकों के लिए बंद रखा गया था। क्योंकि यहाँ इबोला विषाणु फैला है आदि के कारण सब डरे हुए थे। लेकिन इस विषाणु का देश के आस पास भी कुछ पता नहीं चला।

उत्तर कोरिया में काम करने हेतु मिला वीजा, जो पर्यटकों को मिले वीजा के समान ही दिखता है।

सभी देशों के नागरिकों को यहाँ आने के लिए वीजा लेना ही होता है। यह केवल तभी मिलता है जब आपकी यात्रा तय हो और उसे उत्तर कोरिया के अधिकारी स्वीकृत करें। सिंगापूर और मलेशिया के पासपोर्ट होने से आप तीस दिन या उससे कम समय के लिए यहाँ किसी आधिकारिक या व्यापारिक कार्यों के लिए आ सकते हो। लेकिन तब भी आपको उचित दस्तावेज़ पहले से ही देना होता है।

पर्यटकों के लिए पर्यटन वीजा उनके यात्रा का आयोजन करने वाले ही कर देते हैं। यात्रा करवाने वाले लोग आपके न रहने पर भी आपके लिए वहाँ वीजा के लिए आवेदन कर देते हैं। कुछ खास मामलों में ही उत्तर कोरिया के दूतावास से फोन आता है। जिसमें वो लोग आपसे कुछ बातें पूछते हैं। बहुत से मामलों में आपसे विनम्र भाव से ही वो लोग बात करते हैं। वीजा केवल आपके यात्रा करने वाले दिन से पहले ही स्वीकृत होता है। कई बार इस कारण भी आपका आवेदन निरस्त किया जाता है कि आप राजनीति से जुड़े हों या पत्रकार हो।

प्योंगयांग में हिबाची भोजनालय का दृश्य

उत्तर कोरिया में खाने की बहुत कमी है। इस कारण लाखों लोग मर रहे हैं। लेकिन आपको खाना प्राप्त करने में कोई परेशानी नहीं होगी। आपका मार्गदर्शक आपके लिए सारे खाने ले आएगा जो भी आप चाहते हैं। लेकिन यह खाना केवल महंगे होटल में ही मिलेगा। यदि कोई शाकाहारी है या कोई चीज अच्छा नहीं लगता तो आप इसके लिए पहले से बता दें। आप सही के होटल में जा सकते हैं। इस बारे में आप मार्गदर्शक से बात कर सकते हैं। आपको कम से कम उन 95% लोगों के द्वारा खाये जा रहे भोजन से तो अच्छा ही खाना मिलेगा। यहाँ खाना बहुत अच्छा नहीं हो सकता है। खाने के लिए यहाँ कुछ ही विकल्प मौजूद है। इसे कई दिनों तक सहेज के रखा जाता है।

कुछ पश्चिमी देशों के खाने विकल्प के रूप में प्योंगयांग में कुछ भोजनालय में मिलते हैं। लेकिन इसके लिए आपको अपने मार्गदर्शक को पहले से बताना पड़ेगा। इसके लिए आपको और पैसे खर्च करने पड़ेंगे।

यहाँ इंसम-जु नाम से शराब मिलता है। इसे घर में बनाया जाता है। कुछ आयातित शराबें भी यहाँ कुछ समान पैसे में उपलब्ध हैं। लेकिन आपको शराब नहीं पीना चाहिए, क्योंकि इसके बाद आप बहुत बड़ी मुसीबत में भी आ सकते हैं। आप सीधा चल कर दूसरों का सम्मान करें, नहीं तो आप और आपका मार्गदर्शक बहुत बड़ी मुसीबत में आ सकते हैं।

आप उत्तर कोरिया में केवल कुछ ही होटल में रह सकते हो। यह सभी होटल में बहुत अधिक पैसे खर्च होते हैं। आप कुछ पैसे कम करने के लिए भी पूछ सकते हो यदि आप निम्न वर्ग में रहना चाहते हो या अपने समूह के साथ वहाँ रहने आए हो। यहाँ लगभग ₹4,200 से लेकर ₹12,000 तक का एक दिन के रुकने का खर्च आता है।

आपको होटल छोड़ने से पहले ही अपने सभी खाने, यात्रा आदि का खर्चा अपने मार्गदर्शक को देना होता है। यदि आप चार सितारा होटल में रहना चाहते हो तो वहाँ का किराया लगभग ₹1,04,000 से ₹1,28,000 तक होता है। लेकिन यह ₹64,000 तक सस्ता हो सकता है।

किसी बाहर के व्यक्ति के लिए उत्तर कोरिया में विद्यार्थी बनना काफी कठिन हो सकता है। हालांकि शायद विश्वविद्यालय परिवर्तन कार्यक्रम हो सकता है। प्योंगांग परियोजना के तहत उत्तर कोरिया में अकादमिक यात्रा का आयोजन करती है। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य ये है कि जो लोग इसमें हिस्सा ले रहे हैं, वे लोग इस देश के बारे में जानें, न कि बस देखें। उत्तर पूर्वी चीन में स्थित यंबियन विश्वविद्यालय का उत्तर कोरिया के विश्वविद्यालयों से काफी करीबी है और इस कारण ये उत्तर कोरिया के बारे में जानने वाले कुछ पाठ्यक्रम भी उपलब्ध कराता है।

सम्पर्क

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जनवरी 2013 में दूसरे देशों से मोबाइल लाने की अनुमति दी गई थी। लेकिन आप अपना वर्तमान सिम कार्ड का उपयोग यहाँ नहीं कर सकते हैं। आपको यहाँ केवल एक ही नेटवर्क मिलेगा, लेकिन वो भी आपको केवल स्थानीय नेटवर्क से ही जोड़ता है। यहाँ केवल कोर्योलिंक नाम से एक सिम कार्ड मिलता है। आपके फोन में कम से कम 2100 मेगाहट्ज़ के साथ 3जी उपलब्ध होना चाहिए।

कोर्योंलिक के द्वारा 3जी सेवा वाला नेटवर्क 2008 में प्योंगयांग में शुरू हुआ था और अब यह 42 शहरों में उपलब्ध है। यह उन स्थानीय लोगों द्वारा बहुत उपयोग किया जाता है, जिनके पास इसे खरीदने लायक पैसे होते हैं। कुछ बहुत समय के लिए रहने वाले यात्री भी इस सिम कार्ड हेतु आवेदन कर सकते हैं। सिम कार्ड और फोन आप अंतरराष्ट्रीय संचार केन्द्र से भी खरीद सकते हैं। जो पोथोंगगंग जिला में एक मैदान के विपरीत स्थित है। इसके अलावा यह कुछ हवाई अड्डों और कुछ होटलों में भी मिल जाता है। 25 फरवरी 2013 में विदेशियों के लिए 3जी इंटरनेट सेवा उपलब्ध हुआ था। लेकिन अब तक इसके दाम के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। सिम कार्ड के साथ आप केवल तीन विकल्प में से एक चुन सकते हो।

  1. सिम कार्ड ₹4,000 रुपये में खरीद कर आप हमेशा के लिए उसका उपयोग कर सकते हो। इसमें लगभग ₹2,000 के आसपास या उससे कम का बात करने के लिए पैसा होगा।
  2. आप सिम कार्ड ₹4,000 रुपये में किराये पे ले सकते हो। उसमें भी आपको लगभग ₹2,000 के आसपास या उससे कम का बात करने के लिए पैसा मिलेगा।
  3. आप ₹6,000 रुपये दे कर सिम कार्ड एक महीने तक उपयोग कर सकते हैं। इसके साथ आपको लगभग ₹4,000 रुपये बात करने के लिए मिलेगा।

लेकिन इसके कॉल दर बहुत महंगे हैं।

  • चीन व दक्षिण-पूर्व एशिया में बात करने के लिए ₹114.4/मिनट खर्च होगा।
  • रूस में बात करने के लिए ₹54.4/मिनट
  • फ्रांस और स्विट्ज़रलैंड में ₹30.4/मिनट
  • यूनाइटेड किंग्डम और जर्मनी में ₹126.4/मिनट

किसी दूसरे देख में कॉल करने के लिए आप होटल के फोन का उपयोग कर सकते हैं। लेकिन यह और भी महंगा होता है। फरवरी 2012 की जानकारी के अनुसार यह ₹160 रुपये प्रति मिनट के दर से होता है। सभी कॉल को रिकॉर्ड किया जाता है और नजर भी रखा जाता है।

स्थानीय कॉल 10 चोन सिक्के से आप कर सकते हैं। इसका उपयोग आप होटल या किसी डाक कार्यालय में कर सकते हैं। सबसे अधिक ध्यान देने वाली बात यह है कि आपका हर बात रिकॉर्ड हो रहा होता है। तो आपको इस बात का हमेशा ध्यान देना होगा कि आप उत्तर कोरिया से बात कर रहे हैं।

इंटरनेट

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इंटरनेट का उपयोग यहाँ बहुत ही सीमित है। केवल कुछ स्थानीय लोगों को ही इसके उपयोग की अनुमति है। कुछ बहुत बड़े होटलों में इंटरनेट की सुविधा है, लेकिन आपको इसका उपयोग करने के लिए भी कई दिन पहले बताना होता है। आप अपने यात्रा मार्गदर्शक को अपने आवश्यकता के बारे में बता सकते हो। जिससे अनुमति लेने के लिए काफी समय मिलेगा और आपके आवश्यकता से पूर्व आपको अनुमति मिल जाएगा।

यहाँ कोई भी सार्वजनिक इंटरनेट उपयोग हेतु कोई स्थान नहीं है। मोबाइल में इंटरनेट कोर्योलिंक के द्वारा स्थानीय सिम कार्ड पर उपलब्ध है। लेकिन इसकी कोई जानकारी नहीं है कि इसका उपयोग आप कर सकते हैं या ऐसी कोई सुविधा है या नहीं। आपको इस बात पर भी ध्यान देना होगा कि आपका इंटरनेट में हर कार्य की निगरानी होती है। तो इस बात का ख्याल रखें कि आप कोई भी ऐसी बात ईमेल में न लिखें। इसके अलावा उत्तर कोरिया में कई ऐसे वेबसाइट हैं, जिन्हें उत्तर कोरिया के बाहर प्रतिबंधित रखा जाता है।

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