आमी नदी सम्पादन

आमी नदी उत्तर प्रदेश के जिला गोरखपुर में मगहर शहर में स्थित है। यह आमी नदी बहुत ही लोकप्रिय है। आमी तराई क्षेत्र की प्रमुख नदियों में शुमार है। डुमरियागंज के सिकहरा ताल से निकलकर यह नदी बांसी, रुधौली, मगहर होते गोरखपुर तक जाती है। बस्ती मंडल के तीनों जिलों के बड़े हिस्से से आमी गुजरी है। सिद्धार्थनगर, बस्ती, संतकबीरनगर के बड़े हिस्से को सिंचित करने वाली आमी नदी हैं। मगहर शहर में आमी नदी के आसपास बहुत ही सुन्दर दर्शनीय स्थल हैं। जहां पर आकर घुम सकते हैं। देख सकते हैं।

मगहर शहर में स्थित दर्शनीय स्थल सम्पादन

राष्ट्रीय राजमार्ग पर बस्ती से गोरखपुर के रास्ते में सत कबीर नगर में मगहर नगर पंचायत है जहां पर कबीर साहेब जी का निर्वाण स्थल स्थित है।

कबीर साहेब जी द्वारा शिवजी के श्राप से सूखी नदी में जल बहाना सम्पादन

बनारस काशी में व्याप्त नक़ली धर्मगुरुओं द्वारा करौंत जैसा पाखंड चलाया गया था कि जो लोग काशी करौंत में मरेगा वह स्वर्ग जाएगा। स्वर्ग जाने के लिए केई लोग पैसा देकर करौंत में मरने लगें। इस पाखंड का खात्मा करने के लिए हिंदू तथा मुसलमान दोनों के दर्द को समझने वाले कबीर साहेब जी काशी से चलकर मगहर आए। मगहर में पहुंचते ही कबीर साहेब जी ने जब बहते पानी में स्नान करने की इच्छा जताई तो बिजली खां ने कहा कि यहां एक आमी नदी है जो शिवजी के श्राप से सूखी हुई है। कबीर साहेब जी ने नदी के किनारे पर पहुंचकर अपनी शक्ति से इशारे से वर्षों से सूखी नदी में जल प्रवाहित कर दिया। आज भी आमी नदी प्रमाण के तौर पर बह रही है। उसके बाद जब शरीर को गाड़ने तथा जलाने को लेकर नकली धर्मगुरु हिंदू मुस्लिम का झगड़ा करवाना चाहते थे। किंतु उन पाखंडी धर्मगुरुओं को पता ही नहीं था कि कबीर साहेब जी तो अजर-अमर परमात्मा हैं उनका तेजोमय नूरी शरीर है अर्थात उन्हें ना जलाया जा सकता है और ना ही दफन किया जा सकता है। हिंदू राजा बीर सिंह बघेल और मुस्लिम राजा बिजली खाँ पठान को कबीर परमात्मा ने सतलोक जाने से पहले कहा जो मेरे जाने के बाद मिले आधा आधा बांट लेना। परमेश्वर कबीर साहेब ने लाखों लोगों के सामने सशरीर सतलोक जाकर यह प्रमाणित किया कि पूर्ण परमात्मा ही ऐसी लीला करते हैं। कबीर साहेब जी के शरीर के स्थान पर दो चद्दर और सुगंधित फूल मिले, परमात्मा का शरीर नहीं मिला था। उस स्थान पर हिन्दू व मुसलमानों ने मंदिर व मजार 100 - 100 फुट की दूरी में यादगार बना रखी है। हिन्दू व मुसलमान में जो भाईचारे, धार्मिक सामंजस्य का बीज कबीर साहेब जी बो गए थे, उसकी मिसाल मगहर में आज भी देखी जा सकती है। मगहर में हर साल तीन बड़े कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिनमें 12-16 जनवरी तक मगहर महोत्सव और कबीर मेला, माघ शुक्ल एकादशी को तीन दिवसीय कबीर निर्वाण दिवस समारोह और कबीर प्राकट्य समारोह के अंतर्गत चलाए जाने वाले अनेक कार्यक्रम शामिल हैं। मगहर महोत्सव और कबीर मेला में संगोष्ठी, परिचर्चाएं तथा चित्र एवं पुस्तक प्रदर्शनी के अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। कबीर प्राकट्य समारोह में अनेक कार्यक्रमों के माध्यम से सत कबीर जी के संदेशों का प्रचार-प्रसार किया जाता है। यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं को बहुत ही सुन्दर दृश्य देखने घुमने को मिलता हैं तथा अच्छी शिक्षाओं का ज्ञान विकास होता हैं।

मार्ग सम्पादन

हवाई जहाज़ मार्ग सम्पादन

मगहर शहर पहुंचने के लिए जिला गोरखपुर से सबसे नजदीक हवाई अड्डा है। यहां से हवाई जहाज द्वार पहुंच सकते हैं।

रेल मार्ग सम्पादन

मगर शहर में छोटा रेलवे स्टेशन है यहां पर बहुत कम ट्रेनें रुकती हैं अन्य नजदीकी रेलवे स्टेशन जिला गोरखपुर व बस्ती में हैं। यहां से भी पहुंचा जा सकता हैं।

सड़क मार्ग सम्पादन

मगहर शहर जाने के लिए जिला गोरखपुर व बस्ती से सड़क मार्ग द्वारा बस एवं टैक्सी और अन्य साधन भी उपलब्ध हैं।

मौसम सम्पादन

गर्मी सम्पादन

गर्मियों के समय में गर्मी ज्यादा पड़ता है

ठंड सम्पादन

ठंड के समय ठंड बहुत अधिक पड़ता है।

वर्षा ऋतु सम्पादन

वर्षा ऋतु में वर्षा अधिक कम होता रहता है।